काॅस्टेलो सिंड्रोम से डरें नही बल्कि अपने बच्चे के साथ हौसला बन कर डटें रहें। हर व्यक्ति किसी ना किसी सिंड़्रोम से प्रभावित रहता है चाहे वह साईकलाॅजिकल हो या फि़जिकल । हमेशा याद रखें कि कोई भी सिंड़्रोम शरीर को तो प्रभावित कर सकता है किंतु आत्मा को कभी नही। हमेशा याद रखें कि ईश्वर द्वारा हमारी उम्र तय की जाती है। हमें किसी के भी उम्र को तय करके उसके साथ दुरव्यवहार करने का कोई हक़ नही।
जितनी भी जिंदगी है जैसे भी जिंदगी है उसे पूर जीना सीखें। काॅस्टेलो सिंड़्रोम से जूझ रहे पर्सन के साथ हमेशा पाॅजि़टिव व नाॅर्मल व्यवहार रखें।सिंड्रोरोमैटिक बच्चों के साथ वैसे ही रहें जैसे आप नाॅर्मल बच्चों के साथ रहतें हैं। उन्हे हर जिंदगी जीने का तरीका सिखायें। यदि समाज उन्हे इग्नोर करता है तो आप उनके लिये समाज से लड़े। आप देखेंगे कि ऐसे बच्चों में गज़ब का काॅनफिडेन्स लेवल आता है और धीरे धीरे ये बच्चे स्वत: ही नार्मल व्यवहार करने लगतें हैं। साईँस ने भले ही काॅस्टेलो सिंड्रोम से लड़ने की दवा न बनाई हो किंतु आपके और हमारे पास इसका ईलाज है और वह है हमारा धैर्य,सकारत्मक व्यवहार, और इन बच्चों के प्रति हमारा बहोत बहोत बहोत सारा प्यार। यदि आपके पास भी कोई व्यक्ति काॅस्टेलो सिंड्रोम से जूझ रहा है तो मुझे ज़रूर काॅन्टेक्ट करें। यकीन करें मुझसे मिलने के बाद आपकी धारणायें बदल जायेंगीं।
With Regards
Priti sagar
9911275702